शिक्षक दिवस की अद्भुत शायरी January 30, 2025 जब जब मेरा आकार डगमगाया है, तब तब वह फरिश्ता बनके आया है | कि कुम्हार तो मिट्टी को आकार देता है, परंतु हुजूर, यह शिक्षक है, बच्चों के जीवन को साकार बनाता है | Read more